शंघाई सहयोग संगठन
by Rohit Chauhan
1. जून 2001 में ‘शंघाई फाइव’ (Shanghai Five) के विस्तार के बाद अस्तित्त्व में आया था।
2. शंघाई फाइव’ :- रूस, चीन, कज़ाखस्तान, किर्गिज़स्तान और ताजिकिस्तान :- वर्ष 1996 में
3. वर्तमान में :- 8 देश (कज़ाखस्तान, चीन, किर्गिज़स्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान)
4. उद्देश्य:- क्षेत्रीय सुरक्षा, सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात सैनिकों की संख्या में कमी करना, और आतंकवाद की चुनौती पर काम करना
5. भारत के लिये अवसर:
5.1. क्षेत्रीय सुरक्षा
5.1.1. क्षेत्रवाद की स्वीकार्यता
6. वर्तमान में तीन सबसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों (ऊर्जा, व्यापार, परिवहन) में सहयोग बढ़ाने के साथ पारंपरिक और गैर-पारंपरिक सुरक्षा खतरों से निपटने के लिये SCO एक मज़बूत आधार प्रदान करता है।
7. मध्य एशिया से संपर्क:
7.1. SCO भारत की ‘कनेक्ट सेंट्रल एशिया नीति’ (Connect Central Asia Policy) को आगे बढ़ाने के लिये एक महत्त्वपूर्ण मंच का कार्य कर सकता है।
7.2. मध्य एशिया के साथ आर्थिक संपर्क बढ़ाने की भारतीय नीति की नींव वर्ष 2012 की ‘कनेक्ट सेंट्रल एशिया पॉलिसी’ (Connect Central Asia Policy) पर आधारित है, जिसमें 4 ‘C’ - वाणिज्य (Commerce), संपर्क (Connectivity), कांसुलर (Consular) और समुदाय (Community) पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
8. हाल के कुछ वर्षों में सार्क (SAARC), क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) और ‘बीबीआईएन (BBIN)समझौता’ जैसे समूहों में भारत की सक्रियता में गिरावट देखने को मिली है।
9. क्षेत्रवाद की स्वीकार्यता