पाठ-7 ‘बरगद का वृक्ष’ पुनरावृत्ति

कक्षा-४ की पुस्तक पर आधारित पाठ 'बरगद का वृक्ष' की पुनरावृत्ति की गई।

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पाठ-7 ‘बरगद का वृक्ष’ पुनरावृत्ति 作者: Mind Map: पाठ-7 ‘बरगद का वृक्ष’   पुनरावृत्ति

1. कहानी का सारांश

1.1. एक गड़रिया लड़का अपनी बकरियाँ चराने जाता है। उसके पास पहले की अपेक्षा अब अधिक भेड़ -बकरियाँ थीं जिसका उसे घमंड हो चला।

1.2. वह एक बरगद के वृक्ष की छाँव में आराम करने रुक गया। और उसके छोटे-छोटे फलों, पत्तों आदि की हँसी उड़ाने लगा। थोड़ी देर में बरगद के वृक्ष की ठंडी हवा से उसकी नींद लग गई।

1.3. बरगद ने सबक सिखाने के लिए गड़रिये लड़के के मुँह पर एक-दो फल फेंके जिससे वह डर कर जाग गया और गड़रिया लड़का बरगद के छोटे-छोटे फलों का महत्व समझ गया।

1.4. बरगद ने विभिन्न प्राणियों जैसे चिड़िया, इल्ली, केंचुए आदि का भी महत्त्व बताया। तब गड़रिये लड़के का घमंड चूर हुआ और प्रकृति के प्रति उसका आदर भी बढ़ा।

2. व्याकरण

2.1. पाठ 'बरगद का वृक्ष' के अंतर्गत हमने संज्ञा, क्रिया, विशेषण, सर्वनाम विराम-चिह्न, कारक आदि व्याकरणगत बिंदुओं की पुनरावृत्ति की।

3. पाठगत अभ्यास

3.1. पाठ में हमने पाठनपूर्व गतिविधि के माध्यम से वृक्षों के नाम हिंदी में जाने। साथ-ही पाठ पर आधारित शब्द-अर्थ, वाक्य-रचना एवं प्रश्न-उत्तर के अभ्यास किए।

4. मुख्य पात्र

4.1. गड़रिया लड़का

4.2. बरगद का वृक्ष

5. इस लोककथा की शिक्षा

5.1. अपनी उपलब्धियों के कारण अन्य किसी को तुच्छ नहीं समझना चाहिए।

5.2. प्रकृति ने हमें जो कुछ दिया उसके प्रति सदैव आदर का भाव रखना चाहिए।